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फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पी एंड के) नीति

                  नियंत्रणमुक्त फास्फेटयुक्त एवं पोटाशयुक्त उर्वरकों के लिए रियायत योजना/पोषकतत्व आधारित राजसहायता नीति

                  भारत सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों पर 25 अगस्त 1992 से फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों को नियंत्रण मुक्त कर दिया। विनियंत्रण के परिणामस्वरूप, फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त उर्वरकों की कीमतों में बाजार में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई, जिसने उनकी मांग और खपत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा । इससे एन, पीएंडके (नाइट्रोजन, फॉस्फेट और पोटाश) के पोषकतत्वों के उपयोग और मिट्टी की उत्पादकता में असंतुलन पैदा हो गया। पीएण्‍डके उर्वरकों के विनियंत्रण के प्रतिकूल प्रभाव को ध्‍यान में रखते हुए कृषि एवं सहकारिता विभाग ने दिनांक 1.10.1992 से तदर्थ आधार पर नियंत्रणमुक्‍त फॉस्फेट युक्त एवं पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए रियायत योजना शुरू की। जिसे भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिवर्तित मापदंडों के साथ 31.3.2010 तक जारी रखने की अनुमति दी गई है। तत्पश्चात  सरकार ने नियंत्रित पीएण्डके उर्वरकों के लिए तत्कालीन रियायत योजना के क्रम में दिनांक 1.4.2010 से (एसएसपी  के लिए दिनांक 1.5.2010 से पोषकतत्व आधारित राजसहायता (सब्सिडी) नीति की शुरुआत की ।

                   रियायत योजना एवं पोषकतत्व आधारित राजसहायता नीति का मूल उद्देश्य किसानों को रियायती मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराना रहा है। प्रारंभ में, डीएपी, एमओपी, एनपीके मिश्रित उर्वरकों पर राजसहायता के लिए तदर्थ रियायत योजना शुरू की गई थी। यह योजना 1993-94 से एसएसपी तक भी बढ़ा दी गई थी। कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा प्रदान किए गए अनुदान के आधार पर 1992-93 और 1993-94 के दौरान राज्य सरकारों द्वारा विनिर्माताओं/आयातकों को रियायतें वितरित की गईं। तत्पश्चात, डीएसी ने राज्य सरकारों द्वारा 100% आधार पर जारी किए गए बिक्री प्रमाण पत्र के आधार पर उर्वरक कंपनियों को रियायत का भुगतान जारी करना शुरू किया।

                   सरकार ने 1997-98 में उर्वरक कंपनियों को महीनेवार 80% 'ऑन अकाउंट' रियायत का भुगतान जारी करने की प्रणाली शुरू की, जिसे अंततः राज्य सरकार द्वारा जारी बिक्री के प्रमाण पत्र के आधार पर तय किया गया था। 1997-98 के दौरान, कृषि और सहकारिता विभाग ने भी डीएपी/एनपीके/एमओपी के लिए एक अखिल भारतीय समान अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) दर्शाना शुरू किया। एसएसपी के संबंध में एमआरपी दर्शाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के दुर्गम क्षेत्रों में उर्वरकों की आपूर्ति के लिए 1997 में विशेष माल भाड़ा राजसहायता प्रतिपूर्ति योजना भी शुरू की गई थी, जो 31.3.2008 तक जारी रही। औद्योगिक लागत और मूल्य ब्यूरो (बीआईसीपी - जिसे अब टैरिफ आयोग कहा जाता है) द्वारा शुरू की गई डीएपी और एमओपी के लागत मूल्य अध्ययन के आधार पर, कृषि और सहकारिता विभाग ने 1.4.1999 से तिमाही आधार पर लागत सह दृष्टिकोण के आधार पर रियायत की दरों की घोषणा शुरू की। उर्वरकों की कुल सुपुर्दगी  लागत सरकार द्वारा दर्शाई गई एमआरपी से निरपवाद रूप से अधिक होती है, फार्म गेट पर उर्वरकों की सुपुर्दगी कीमत और एमआरपी में अंतर की भरपाई सरकार द्वारा विनिर्माताओं/आयातकों को उर्वरकों को सरकार द्वारा इंगित एमआरपी पर बेचने के लिए राजसहायता के रूप में की जाती है।

                   दिनांक 1.10.2000 से योजना का प्रशासन, कृषि और सहकारिता विभाग से उर्वरक विभाग को  स्थानांतरित कर दिया गया था । टैरिफ आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिनांक 1.4.2002 से  सरकार ने मिश्रित उर्वरकों के लिए राजसहायता की गणना के लिए एक नई पद्धति की शुरुआत की है। मिश्रित उर्वरकों के विनिर्माताओं को गैस, नेफ्था, आयातित अमोनिया जैसे नाइट्रोजन के श्रोत के लिए फीडस्टॉक के आधार पर समूहों में विभाजित किया गया था। समय बीतने के साथ, डीएपी उद्योग की संरचना भी बदल गई क्योंकि स्वदेशी फॉस्फोरिक एसिड/डीएपी के विनिर्माण के लिए रॉक फॉस्फेट का उपयोग करके कुछ नए डीएपी विनिर्माण संयंत्र स्थापित किए गए थे। तदनुसार, टैरिफ आयोग ने एक नया लागत मूल्य का अध्ययन किया और फरवरी 2003 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्ष 2003-04 से 2007-08 तक डीएपी विनिर्माण इकाईयों को रियायत का भुगतान कच्चे माल (रॉकफॉस्फेट / फॉस्फोरिक एसिड) के स्रोत के आधार पर दो समूहों के अनुसार किया गया था । वर्ष 2004-05 में सरकार के निर्णयों के आधार पर, उर्वरक विभाग ने फॉस्फोरिक एसिड मूल्य को अन्तररार्ष्ट्रीय डीएपी मूल्य से जोड़ने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया। इसके बाद, मामला विशेषज्ञ समूह को भेजा गया था। प्रो. अभिजीत सेन के नेतृत्व में विशेषज्ञ समूह ने अक्टूबर 2005 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

                   विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर एक अंतर-मंत्रालयी  समूह (आईएमजी ) द्वारा विचार विमर्श किया गया। प्रशुल्क आयोग ने डीएपी/एमओपी और एनपीके मिश्रितों  का नया लागत मूल्य अध्ययन किया और दिसंबर 2007 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रशुल्क आयोग की रिपोर्ट की जांच और प्रोफेसर अभिजीत सेन की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह द्वारा सुझाए गए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के आधार पर, सरकार ने डीएपी/एमओपी/एनपीके मिश्रितों/एमएपी के लिए 1.4.2008 से रियायत योजना को मंजूरी दी, जो कुछ संशोधनों के साथ 31.3.2010 तक जारी रही। रियायत की अंतिम दरें मासिक आधार पर निकाली जाती थीं। स्वदेशी डीएपी के लिए रियायत आयातित डीएपी (आयात समानता मूल्य के आधार पर) के समान थी। मिश्रित उर्वरकों पर रियायत कतिपय संशोधनों के साथ प्रशुल्क आयोग द्वारा अनुशंसित पद्धति पर आधारित थी।

                   नाइट्रोजन, गैस, नाफ्था, आयातित यूरिया-अमोनिया मिश्रण और आयातित अमोनिया के स्रोत के आधार पर एनपीके मिश्रित उद्योग को 4 समूहों में विभाजित किया गया था। सल्फर युक्त मिश्रित उर्वरकों के लिए 'एस' की एक अलग लागत को 1.4.2008 से मान्यता दी गई थी। रियायत योजना के लिए इनपुट/उर्वरक मूल्य एक बाहरी पद्धति के आधार पर निकाले गए थे। बफर स्टॉकिंग योजना को डीएपी के लिए 3.5 लाख मीट्रिक टन और एमओपी के लिए 1 लाख मीट्रिक टन बफर के रूप में जारी रखने की अनुमति दी गई थी। रियायत योजना के कुछ तत्वों में संशोधन भी 1.4.2009 से किए गए थे ताकि अंतरराष्ट्रीय मूल्य निर्धारण गतिशीलता के लिए रियायत योजना के मापदंडों को समायोजित किया जा सके और 'एन' मूल्य निर्धारण समूह-वार और साथ ही भुगतान प्रणाली को युक्तिसंगत बनाया जा सके। पीएण्‍डके उर्वरकों के लिए मौजूदा नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं। तदनुसार, दिनांक  1.4.2009 से रियायत की अंतिम दरें मासिक आधार पर तैयार की गई थीं, जिसमें पिछले महीने से पहले के महीने की औसत अंतरराष्ट्रीय कीमत या चालू महीने के लिए भारतीय बंदरगाहों पर वास्तविक भारित औसत सी एंड एफ उतराई कीमत, डीएपी और एमओपी के संबंध में जो भी कम हो, को ध्यान में रखा गया था। । मिश्रित उर्वरकों के लिए कच्चे माल/इनपुट के मामले में एक महीने का अंतराल था। दिनांक 1.12.2008 से, विनियंत्रित उर्वरकों के विनिर्माताओं/आयातकों (एसएसपी को छोड़कर) को उर्वरकों के आगमन/प्राप्ति और राज्य सरकार/कंपनी के सांविधिक लेखापरीक्षक द्वारा प्राप्ति के प्रमाण पत्र के आधार पर रियायत का भुगतान किया गया है, जो  मात्रा की बिक्री के आधार पर समझौता के अंतिम शर्त के अधीन है

                   पीएण्‍डके उर्वरकों की एमआरपी, जो सरकार/राज्‍य सरकार द्वारा दर्शायी गई है, 2002 से 31.03.2010 तक स्थिर रही है। एनपीके मिश्रितों की एमआरपी दिनांक 18.6.2008 से कम हो गई थी। रियायत योजना में उर्वरकों की संख्या  को बढ़ाने के लिए, मोनो-अमोनियम फॉस्फेट (एमएपी) को रियायत योजना में दिनांक 1.4.2007 से शामिल किया गया था।, ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) को रियायत योजना में दिनांक 1.4.2008 से शामिल किया गया था। और मैसर्स एफएसीटी और मैसर्स जीएसएफसी द्वारा विनिर्मित अमोनियम सल्फेट (एएस) को 1.7.2008से शामिल किया गया था।

  • विनियंत्रित फॉस्फेट युक्त और पोटाशयुक्त उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित राजसहायता नीति

                   रियायत योजना के क्रियान्वयन में यह अनुभव किया गया है कि पिछले एक दशक में कोई निवेश नहीं हुआ है। 2004 से 2009 के दौरान राजसहायता खर्च में 530% की तेजी से वृद्धि हुई, जिसमें लगभग 90% वृद्धि उर्वरकों और इनपुट की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के कारण हुई। राजसहायता बिल में वृद्धि के अनुरूप कृषि उत्पादकता में वृद्धि दर्ज नहीं की गई। उर्वरकों की एमआरपी 2002 के बाद से स्थिर रही। उर्वरक व्‍यवस्‍था के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया गया, जिसने सिफारिश की कि राजसहायता प्राप्त  उर्वरकों में पोषकतत्‍वों की मात्रा के आधार पर पोषकतत्‍व आधारित राजसहायता (एनबीएस) शुरू की जा सकती है। माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण 2009 में राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, कृषि उत्पादकता में सुधार करने और उर्वरकों के संतुलित अनुप्रयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त उर्वरकों के लिए पोषकतत्व आधारित राजसहायता नीति शुरू करने की घोषणा की थी। सरकार ने पोषकतत्व आधारित राजसहायता (एनबीएस) नीति 1.0.2019 से शुरू की। सरकार ने विनियंत्रित पीएण्डके उर्वरकों के लिए पूर्ववर्ती रियायत योजना के क्रम में (एसएसपी के लिए दिनांक 1.5.2010 से) दिनांक 01.04.2010 से पोषकतत्व आधारित राजसहायता (एनबीएस) नीति की शुरुआत की | पोषकतत्व आधारित राजसहायता (एनबीएस) नीति का विवरण इस प्रकार है:

  • राजसहायता डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी, 18-46-0), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी), मोनो अमोनियम फॉस्फेट (एमएपी, 11-52-0), ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी, 0-46-0) सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी, 0-16-0-11), अमोनियम सल्फेट (एएस  - (जीएसएफसी और एफएसीटी के  कैप्रोलैक्टम ग्रेड) और मिश्रित उर्वरकों के 16 ग्रेड जिसके प्राथमिक पोषकतत्व, अर्थात् नाइट्रोजन 'एन', फॉस्फेट 'पी' पोटाश 'के' और पोषकतत्व सल्फर 'एस' है जो  एनबीएस के लिए पात्र उर्वरकों में शामिल है ।
  • एनबीएस नीति के तहत आने वाले राजसहायता प्राप्त एफसीओ के तहत प्रदान किए गए बोरोन और जिंक के साथ संपुष्ट/लेपित पीएण्डके उर्वरकों का कोई भी प्रकार राजसहायता के लिए पात्र बने रहेंगे। उर्वरकों के ऐसे संपुष्ट/लेपित ग्रेड प्राथमिक पोषकतत्वों के साथ उनके अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति टन अतिरिक्त राजसहायता प्राप्त करेंगे। बोरॉन और जिंक के लिए क्रमशः 300 रुपये प्रति मीट्रिक टन तथा 500 रुपये प्रति मीट्रिक टन अतिरिक्त राजसहायता दरें हैं ।
  • कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (डीएसीएण्डएफडब्ल्यू), व्यय विभाग (डीओई ), नीति आयोग और कृषि अनुसंधान विभाग के संयुक्त सचिव स्तर के प्रतिनिधियों के साथ  सचिव (उर्वरक) की अध्यक्षता में  एक अंतर-मंत्रालयीन समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। यह समिति सरकार (उर्वरक विभाग) द्वारा निर्णय के लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले 'एन', 'पी', 'के' और 'एस' के लिए प्रति पोषकतत्व राजसहायता की सिफारिश करती है। आईएमसी द्वितीयक ('एस' के अलावा) और सूक्ष्म पोषकतत्वों वाले संपुष्ट राजसहायता वाले उर्वरकों पर प्रति टन अतिरिक्त राजसहायता की भी सिफारिश करता है। समिति सरकार द्वारा निर्णय लेने के लिए विनिर्माताओं/आयातकों के आवेदन और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा इसकी आवश्यकता के मूल्यांकन के आधार पर राजसहायता व्यवस्था के तहत नए उर्वरकों को शामिल करने पर विचार करती है और सिफारिश करती है।
  • सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्येक पोषकतत्व नामत: 'एन', 'पी', 'के' और 'एस' पर एनबीएस का भुगतान करने का निर्णय/घोषणा की गई है।
  • तैयार उर्वरकों के आयात, उर्वरक आदानों और स्वदेशी इकाईयों द्वारा उत्पादन के साथ-साथ उर्वरकों के वितरण और संचलन की निगरानी ऑनलाइन वेब आधारित "एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस)" (पूर्व एफएमएस और एमएफएमएस) के माध्यम से की जा रही है।
  • उर्वरक कंपनियों को उर्वरक थैली पर लागू राजसहायता के साथ अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) स्पष्ट रूप से प्रिंट करना आवश्यक है। मुद्रित एमआरपी से ऊपर की कोई भी बिक्री ईसी अधिनियम के तहत दंडनीय होगी।
  • एनबीएस के अलावा, दिनांक 23.7.2012 के दिशा-निर्देशों (अनुलग्नक-'') के अनुसार देश में उर्वरकों की व्यापक उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए रेल और सड़क मार्ग से विनियंत्रित उर्वरकों के संचलन और वितरण के लिए  माल भाड़ा प्रदान किया जा रहा है।
  • पीएण्‍डके उर्वरकों के एमआरपी की उपयुक्‍तता की जांच करने के लिए, कंपनियां समय-समय पर आवश्यकता और डीओएफ के निर्देशों के अनुसार प्रमाणित लागत डेटा प्रस्‍तुत करना जारी रखेंगी। कंपनियां नियमित रूप से डीओएफ को पीएण्‍डके उर्वरकों के एमआरपी की सूचना देंगी।
  • अनुकूलित उर्वरकों और मिश्रण उर्वरकों के निर्माता कृषि प्रयोजन के लिए अनुकूलित उर्वरकों और मिश्रण उर्वरकों के निर्माण के लिए इनपुट के रूप में जिलों में उनकी प्राप्ति के बाद विनिर्माताओं/आयातकों से राजसहायता वाले उर्वरक प्राप्त करने के पात्र हैं। अनुकूलित उर्वरकों और मिश्रित उर्वरकों की बिक्री पर अलग से कोई राजसहायता नहीं है।
  • पीएण्डके उर्वरकों के विनिर्माताओं/आयातकों को राजसहायता का भुगतान विभाग की अधिसूचना संख्या डी(एफए)/सीसीईए/2011 दिनांक 25.10.2020 तथा डी(एफए)/2016/डीबीटी दिनांक 17.3.2017  में समय-समय पर संशोधित उल्लिखित प्रक्रिया एवं नियमों एवं शर्तों के अनुसार जारी किया जाएगा

(ख) पोषकतत्वों के प्रति किलो ग्राम पोषकतत्व आधारित राजसहायता

पोषकतत्व आधारित राजसहायता नीति के तहत गठित अंतर मंत्रालयीन समिति की सिफारिशों के आधार पर, सरकार ने 'एन', 'पी', 'के' और 'एस' (नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और सल्फर) के लिए प्रति किलोग्राम एनबीएस की अनुमति दी है। और 2010-11 से 2022-23 के लिए फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त उर्वरकों पर प्रति मीट्रिक टन राजसहायता की राशि निम्नानुसार है:

  • 2010-11 से 2022-23 के लिए पोषकतत्वों एन, पी, के, और एस के लिए प्रति किलोग्राम एनबीएस दरें:

 

एनबीएस दरें (रु. प्रति किग्रा)

 

 

 

पोषक तत्त्व

1.4.2010  से 31.12.2010*

1 .1.2011 से  31.3.2011**

2011-12

2012-13

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022 (kharif)

2022 (Rabi)

'एन' (नाइट्रोजन)

23.227

23.227

27.153

24.000

20.875

20.875

20.875

15.854

18.989

18.901

18.901

18.789

18.789

91.96

98.02

'पी' (फॉस्फेट)

26.276

25.624

32.338

21.804

18.679

18.679

18.679

13.241

11.997

15.216

15.216

14.888

45.323

72.74

66.93

'के' (पोटाश)

24.487

23.987

26.756

24.000

18.833

15.500

15.500

15.470

12.395

11.124

11.124

10.116

10.116

25.31

23.65

'एस' (सल्फर)

1.784

1.784

1.677

1.677

1.677

1.677

1.677

2.044

2.240

2.722

3.562

2.374

2.374

6.94

6.12

* रेक पॉइंट से रिटेल पॉइंट तक द्वितीयक माल ढुलाई के लिए रुपये 300/- प्रति मीट्रिक टन सहित ।

** रुपये 300/- पीएमटी द्वितीयक भाड़े को छोड़कर, जिसका भुगतान प्रति टन प्रति किमी के आधार पर अलग से किया जा रहा था

(ब) 2010-11 से 2022-23 के दौरान विभिन्न पीएण्डके उर्वरकों पर प्रति एमटी राजसहायता:

क्र.सं.

  संख्या उर्वरक ग्रेड (एफजी  )

 (एन पी के एस पोषक तत्व)

2010-11

2011-12

 

2012-13

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

1.4.2010 - 31.12.2010

1.1.2011-  31.3.2011

2013-14

2014-15

 

2015-16

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022 (खरीफ)

2022 (रबी)

  1.  

डी ए पी     (18-46-0-0)

16268

15968

19763

14350

12350

12350

12350

8945

8937

10402

10402

10231

33000

50013

48433

  1.  

एम ए पी    (11-52-0-0)

16219

15879

19803

13978

12009

12009

12009

8629

8327

9991

9991

9809

25635

47940

45588

  1.  

टी एसपी   (0-46-0-0)

12087

11787

14875

10030

8592

8592

8592

6091

5519

6999

6999

6848

20849

33460

30789

  1.  

एमओपी    (0-0-60-0)

14692

14392

16054

14400

11300

9300

9300

9282

7437

6674

6674

6070

6070

15186

14188

  1.  

एसएसपी (0-16-0-11)

4400

4296+200

5359

3676

3173

3173

3173

2343

2166

2734

2826

2643

7513

7513

7513

  1.  

16-20-0-13

9203

9073

11030

8419

7294

7294

7294

5451

5729

6421

6530

6292

12379

30164

29866

  1.  

20-20-0-13

10133

10002

12116

9379

8129

8129

8129

6085

6488

7177

7286

7044

15131

33842

33787

  1.  

20-20-0-0

9901

9770

11898

9161

7911

7911

7911

5819

6197

6823

6823

6735

12822

32940

32991

  1.  

28-28-0-0

13861

11678

16657

12825

11075

11075

11075

8147

8676

9553

9553

9430

17951

46116

46188

  1.  

10-26-26-0

15521

15222

18080

14309

11841

10974

10974

9050

8241

8739

8739

8380

18293

34689

33353

  1.  

12-32-16-0

15114

14825

17887

13697

11496

10962

10962

8615

8101

8917

8917

8637

20377

38362

36965

  1.  

14-28-14-0

14037

13785

16602

12825

10789

10323

10323

8093

7753

8464

8464

8215

16737

36785

35775

  1.  

14-35-14-0

15877

15578

18866

14351

12097

11630

11630

9020

8593

9529

9529

9258

19910

41877

40460

  1.  

15-15-15-0

11099

10926

12937

10471

8758

8258

8258

6685

6507

6786

6786

6569

11134

28502

28290

  1.  

17-17-17-0

12578

12383

14662

11867

9926

9359

9359

7576

7375

7691

7691

7445

12619

32302

32063

  1.  

19-19-19-0

14058

13839

16387

13263

11094

10460

10460

8467

8242

8596

8596

8321

14103

36102

35835

  1.  

अमोनियम सल्फेट

 (20.6-0-0-23)

5195

5195

5979

5330

 

4686

4686

4686

3736

4408

4501

4694

4398

4398

20448

21503

  1.  

16-16-16-0

( 1.7.2010  से प्रभावी)

11838

11654

13800

11169

9342

8809

8809

7130

6941

7239

7239

7007

11876

30402

30177

  1.  

15-15-15-9  (1.10.2010  से प्रभावी)

11259

11086

13088

10622

8909

8409

8409

6869

6709

7031

7107

6783

11348

29126

28841

  1.  

24-24-0-0( 1.10.10 से   29.5.12 तक एवं 22.6.2012 से प्रभावी )

11881

11724

14278

10993

9493

9493

9493

6983

7437

8188

8188

8082

15387

39528

39590

  1.  

24-24-0-8 (12.11.13 से 14.2.15 तक  प्रभावी  )  एस पर राजसहायता के बिना

एनए

एनए

एनए

 

एनए

9493

9493

9493

6983

7437

8188

8188

8002

15387

39528

39590

  1.  

14-28-0-0 (1.4.2020  से प्रभावी)

एनए

एनए      

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

6799

15321

33242

32464

  1.  

8-21-21 ( 20.05.2021  से प्रभावी)

एनए

एनए       

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

13145

27947

26864

  1.  

9-24-24 ( 20.05.2021  से प्रभावी)

एनए

एनए        

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

14996

31808

30561

  1.  

पीडीएम  (0-0-14.5-0)

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

एनए

1467

1467

1467

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

एनए का मतलब एनबीएस शासन के तहत कवर नहीं किया गया है

(स) रुपये की राशि। वर्ष 2010-11 से 2022-23 के दौरान क्रमशः बोरोन (बी) और जिंक (जेडएन) जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध/लेपित सब्सिडी वाले पीएण्डके उर्वरकों पर 300 पीएमटी और 500 रुपये पीएमटी अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाती है।